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Monday, 18 March 2013
ननुआँ जी के श्री मुख से ......
* ननुआँ जी कहतें हैं कि स्त्री लक्ष्मी स्वरुपा है और यदि उसे सताओगे तो माँ लक्ष्मी अप्रसन्न होयेंगी और ऐसे में निर्धन होना स्वाभाविक है । ननुआँ जी यह भी कहते हैं कि कभी भी लक्ष्मी जी गन्दगी में नहीं आती और न ही वहाँ जहाँ झाड़ू का अपमान होता हो ( झाड़ू को फेकना या उस पर पैर रख कर निकल जाना )। क्यों कि ऐसे घर में कुलक्ष्मी का निवास होता है।
* ननुआँ जी कहते हैं कि कभी भी किसी व्यक्ति को पेड़ के निचे , सूर्य और चन्द्र के सामने मुँह करके पेशाब नहीं करनी चाहिये और स्त्रियों को मासिक धर्म की अवधि में नदी व तालाब में स्नान नहीं करना चाहिये। ( यदि किसी महिला ने कभी मासिक धर्म के समय नदी या तलब में स्नान किया है तो वह माँ गंगा का पाप मुक्ति उपाए करे । )
* ननुआँ जी कहते हैं की जब भी कोई व्यक्ति कोई मन्नत माँगे या कोई प्रसाद बोले तो उसे तभी पूरा कर देना चाहिये क्यों की भूल जाने पर उसे कष्टों का सामना करना पड़ता है ।
* ननुआँ जी कहते हैं कि अगरबत्ती के पैकेट , निमंत्रण पत्र, अखबार आदि जिन में देवी/देवताओं की तस्वीर बनी हो तो पहले उन से देवी/देवताओं की तस्वीर काट लें फिर उन्हें फेके और बाद में तस्वीरों को बहते जल में बहादें ।
* ननुआँ जी कहते हैं कि यदि घर में की व्यक्ति को शराब की लत हो तो घर का कोई भी व्यक्ति एक कटोरी में चीनी के कुछ दाने रख 5 अगरबत्ती जलाये ( 1 आड़ी औए 4 खड़ी ) और ननुआँ जी का आवाहन कर प्रार्थना करे कि " ननुआँ जी आप आइये जिस किसी को भी ये भोग - भेंट दिलाना हो उसे दिलायें और उनकी कृपा करवायें और आप भी कृपा करें और .................( शराबी व्यक्ति का नाम ) की शराब की लत छुड़ायें । " ऐसा तीन बार कहें और फिर उन चीनी के दानों को शराब में दल दें ।
अगर इससे लाभ है तो इस प्रक्रिया को जारी रखें और अगर 21 दिन तक यह करने पर भी कोई फायदा नहीं है तो किसी ननुआँ जी से दृष्टि प्राप्त शिष्य से कारण तथा उपाए जाने । ( जब शराब पीने वाला व्यक्ति इस अवस्था में आजाये कि आप उससे इसबारे में बात कर सके तो उसे प्रेम से दारू छोड़ने के लिए समझये क्यों कि शराब छोड़ने के लिए द्रिड़ इक्षाशक्ति की भी जरूरत होती है। )
* अगर किसी की कुसंगती छुड़वानी हो तो छत पर जा कर साफ़ जगह पर ननुआँ जी का 5 अगरबत्ती जला कर ( 1 आड़ी औए 4 खड़ी ) आवाहन करें - "ननुआँ माँ त्रिपुरा सुंदरी आप आइये और अमुक व्यक्ति ( नाम ) की कुसंगति छुड़वाइये और अपनी कृपा करिए । " फिर निम्नलिखित विधि करें -
छत पर 27 बताशे 4 लाइनों में ( 7 - 7 बताशे 3 लाइन में और चौथी लाइन में 6 बताशे ) रखे और फिर उन पर एक - एक बूँद जल चड़ायें और हाथ जोड़ लें ।
* ननुआँ जी कहते हैं कि अगर किसी के घर में सम्पत्ति का बटवारा हो रहा हो तो ननुआँ जी के साथ माँ लक्ष्मी जी का आवाहन करें और उन्हें पेड़ा का भोग दें और ननुआँ जी के माध्यम से प्रार्थना करें की उचित बटवारा हो ।
* अगर किसी को बिना किसी कारण के सुस्ती बनी रहती है तो आलू का पराठा या कचौड़ी लें और और "ननुआँ बिजली बहन आप ये भोग लें और हमारे अन्दर शक्ति और चमक पैदा करें । "
अगर किसी ने दीमक मारें हैं तो भी शारीर में सुस्ती आती है इसके लिये ननुआँ जी का आवाहन कर दीमक वाली जगह पर थोड़ा मीठा पानी अर्पित करें और पापों की क्षमा करें ।
* जब किसी का कोई कार्य नहीं बन रहा हो तो 4 अगरबत्ती जलाकर अगरबत्ती की जलती की लौ पर खस और गुलाब के इत्र की बूंदें डाले और अपने कार्य के लिए निवदन करें " ननुआँ जी आप आइये और खस और गुलाब का इत्र स्वीकार करें और जिन्हें यह स्वीकार करना हो उन्हें करायें तथा हमारा काम…. .. कराइए और आप भी कृपा कीजिये । "
* अगर किसी व्यक्ति का कोई काम किसी भी तरीके से नहीं हो रहा हो तो वह वट वृक्ष के तने के चारो ओर 7 बार कलावा लपेट दे और उसके नीचे एक घी का दीपक जल दें । तत्पश्चात अगरबत्ती जलाकर कार्य के लिए प्रार्थना करें ।
* अगर किसी का किरायेदार कहने पर भी घर खाली नहीं कर रहा हो तो वह माँ दुर्गा के मन्दिर में जाकर सात अगरबत्ती जलाकर ननुआँ जी का आवाहन करें और 7 पेड़े , 3 बेसन के लड्डू का भोग दें । शुद्ध घी के चार दीपक जलायें । ननुआँ जी से अपना घर खाली कराने का निवदन करें । तीन दिन तक यहाँ कार्य करें ।
* लड़कियों के शादी के लिए तम्बाकू का एक पान प्रत्येक सोमवार को 4 अगरबत्ती लगाकर शंकर भगवन को भेंट करके मन्दिर में छोड़ दें और निवदेन करें " ननुआँ जी आप आइये, भगवान शंकर जी को भोग - भेंट दिलाइये और हमें उचित घर - वर शीघ्र दिलाइये " ।
* जन्म कुण्डली के अनुसार ग्रह शादी में अड़चन पैदा कर रहा हो उसके लिए निम्न उपाए करें -
चौकोर लाल कपड़े पर चरों ओर गोटा लगायें तथा बीच में गोटे से एक बड़ा स्वस्तिक बनाये तथा कपड़े और स्वस्तिक के केंद्र में उस ग्रह का प्रथम अक्षर गोटे से लिखे जिसकी शान्ति होनी है ( उधारण के लिए सूर्य के लिए 'सू ') । रोली - चावल से बीच में तिलक करें और घी का दीपक एक कोने में जलाये और 4 अगरबत्ती जलाकर ननुआँ जी से निवेदन करें कि यह पूजा कराइये और हमें उचित घर - वर शीघ्र दिलाइये ।
शादी होने तक या पूजा प्रतिदिन करें और शादी होने के बाद इस सामग्री को या तो देवी मन्दिर में रख दें या किसी साफ़ बहते जल में बहादें । ( माहवारी के दिनों में स्त्री यह पूजा न करें, घर का अन्य सदस्य उस लड़की के नाम लेकर उपरोक्त विधि से प्रार्थना करें )
* बच्चों के भविष्य के लिए प्रत्येक माँ - बाप को चाहिए कि वह एक पूजा का पान तथा साबुत सुपाड़ी देसी घी का बूंदी और बेसन का लड्डू लेकर 7 अगरबत्ती जलाकर ननुआँ जी का आवाहन कर निवदेन करें " यह भोग - भेंट गणेश जी को दिलवाइए और हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाइये "।
* जाने - अनजाने हम से विध्या सामग्री का अपमान हो जाता है इसके लिए ननुआँ जी कहतें हैं कि हमें 4 अगरबत्ती जलाकर तथा यथा शक्ति कॉपी और लेखनी ( पेंसिल या पैन ) लेकर मलाई के लड्डू का भोग लगाकर ननुआँ माँ सरस्वती से अपने पापों केलिए क्षमा माँगनी चाहिए और सद्बुद्धि माँगनी चाहिए ।
* बच्चे परीक्षा के समय 4 अगरबत्ती लगाकर निवेदन करें कि ननुआँ जी , माँ सरस्वती और चित्रगुप्त जी आप परीक्षा में हमारे साथ चलें और परीक्षा में हमारी सहायता करें तथा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कराएँ ।
* लक्ष्मी पूजन विधि -
एक नया लाल कपड़ा लेकर चौकी पर बिछायें और सूखे आटे से चौक बनाकर ऊपर से थोड़ा सा आटा छिड़क दें । सामग्री - दो लौंग ( साबुत ) , पेड़। , बताशे और पीला लड्डू ।
विधि - सर्वप्रथम 11 अगरबत्ती जलाकर ननुआँ लक्ष्मीनारायण भगवान का आव्हान करें और उनसे प्रार्थना करें की आप सभी लोग भोग ग्रहण करें एवं माँ लक्ष्मी जी की कृपा करिए और आप भी कृपा कीजिये ।
यह पूजा प्रतिदिन शाम को 8 बजे 8 दिन तक होनी है ।
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