ननुआँ जी की आरती
ॐ जय ननुआँ ब्रह्म हरे, श्री ननुआँ ब्रह्म हरे।
सनकादिक, ब्रह्मादिक्, विष्णु, शिव जयकार करें ।। 1 ।।
ॐ जय ननुआँ ब्रह्म हरे ....
जय सत्यवान , जय हनुमान , जय ननुआँ ब्रह्म हरे ।
सनकादिक , ब्रह्मादिक्, विष्णु , शिव जयकार करे ।। 2 ।।
ॐ जय ननुआँ ब्रह्म हरे ....
गणपति , धनपति , जनपति ,जय गुरु मंगलकारी, गुरु गुरु मंगलकरी ।
मातपिता, सुत , बेटी , भ्राता , पूजें नर - नारी ।। 3 ।।
ॐ जय ननुआँ ब्रह्म हरे ....
माया , मोह, तम नाशक ह्रदय घट - घट वासी , गुरु-गुरु घट घटवासी ।
ज्ञान खड़ग है क्षण में , ज्ञान पलट है पल में पाप दु:ख नाशी।। 4 ।।
ॐ जय ननुआँ ब्रह्म हरे ....
गुरु ब्रह्मा , गुरु विष्णु , गुरु शिव भण्डारी, गुरु - गुरु संकट हारी ।
सब में प्रेम समाया , पार न कोई पाया महिमा है न्यारी ।। 5 ।।
ॐ जय ननुआँ ब्रहम हरे ....
भटकत जो ब्रह्म जाल में , गुरु उद्धार करे, श्री गुरु उद्धार करे ।
सबका सार बताकर ,सबका सार बताकर , भाव से पार करें ।। 6 ।।
ॐ जय ननुआँ ब्रह्म हरे ....
श्री गुरु ब्रह्म की आरती , जो श्रद्धा भाव गए , जो श्रद्धा भाव गए ।
ताहि अनन्त कृपा से, ताहि अनन्त कृपा से , गुरु ब्रह्मा मिल जाये ।। 7 ।।
ॐ जय ननुआँ ब्रह्म हरे ....
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