हवन विधि
हवन करने हेतु सर्वप्रथम ननुआँ जी के चित्र पर हल्दी, चूने और चावल से तिलक करें फिर फूलमाला चढ़।ये । तदुपरांत 5 अगरबत्ती जलाये 1 आड़ी और 4 खड़ी; फिर 1 बार ॐ गणेशाये नमः तथा 21 बार अलखनिरंजन का जाप करें और उसके बाद में 21 बार ननुआँ जी का जाप करें, फिर जय मार्गी गुरु, जय सद गुरु, जय ब्राह्म देव , जय गुरुदेव , जय ईष्ट देव/देवता , जय कुल देवी /देवता बोलें और स्वामी कार्तिकेय जी और गणेश जी को ननुआँ जी के साथ आमंत्रित करें । अब गणश वन्दना करें ।
इसके बाद पृथ्वी पूजन करें , नव ग्रहों का पूजन करें, स्थानी शक्तियों का आवाहन करें, उनको आसन दे , भोग- भेंट दें । एक घी का दीपक जलायें । ननुआँ जी के लिए एक तम्बाकू का तथा एक सादा पान भेंट करें ।
हवन करते समय अपने गुरु, ईष्ट, कुल देवी/देवता , पृथ्वी माता, ब्रह्मा जी, विष्णुजी, शिवजी, गौरीजी, गणेशजी, हनुमानजी, स्थानिय शक्तियों को आहुति दें और अपने ईष्ट के मंत्र से यथाशक्ति आहुति दें । इसके इलावा अन्य किसी शक्ति की आहुति देनी है तो उनकी भी आहुति दें ।
पूजन सामग्री - हवन सामग्री, गारी का गोला, देशी घी, कपूर, आम या छेवले की लकड़ी, 1 पूजा का पान - मीठा ,1 पान सादा, 1 पान तम्बाकू का, मेवा, फूलमाला, अगरबत्तियाँ, गुलाब एवं खस का इत्र ।
भोग - मलायी का लड्डू, बेसन का लड्डू , बूंदी का लड्डू , बर्फी , सोनपपड़ी, देशी घी में बना सूजी का हलुआ , रस्माली , काला एवं सफेद रसगुल्ला व नमकीन।
जितने लोग हवन करने के लिये तैयार हैं वे एक-एक अगरबत्ती जलाकर 1 बार श्री गणेशाय नमः और 21 बार ननुआँ जी - ननुआँ जी का जाप करें फिर आहुति दें । आहुतियाँ देते समय क्रम से निम्नलिखित मंत्रो का उच्चारण करें उसके बाद अगर कोई और मंत्र की आहुति देनी है तो वह दें सकते हैं ।
1) ॐ नमः शिवाय वनखण्ड।य नमः ननुआँ नमामि नमो नमः ।
2) ॐ जय बड़े - छोटे सरकार माताजी वनखण्ड।य नमः
ननुआँ नमामि नमो नमः ।
3)ॐ जय महाकाली माँ महाकालकालाये नमः वनखण्ड।य नमः
ननुआँ नमामि नमो नमः ।
4) ॐ ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे नमः वनखण्ड।य नमः
ननुआँ नमामि नमो नमः ।
5) ॐ जय रामराजाय सीता माता हनुमतये नमः वनखण्ड।य नमः
ननुआँ नमामि नमो नमः ।
6) ॐ त्रियाम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय माम्रतात वनखण्ड।य नमः
ननुआँ नमामि नमो नमः । ।
7 ) ॐ जय टीले वाली माँ वनखण्ड।य नमः ननुआँ नमामि नमो नमः ।
हवन / पूजा कर ते समय 1 अगरबत्ती आड़ी जरुर लगाये इससे एक सुरक्षा कवच बन जाता है और अवांछनीय शक्ति परेशान नहीं करती । हवन करने के इच्छुक व्यक्ति हवन सामग्री में चीनी, काले तिल, मेवा , घी, मिला कर उपरोक्त विधि से हवन करें । हवन के बाद हवन कुण्ड में भोग दें । उपस्थित शक्तियों को भी भोग और जल दें ।
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