Monday, 18 February 2013

हवन विधि


हवन करने हेतु  सर्वप्रथम  ननुआँ  जी के चित्र पर हल्दी, चूने और चावल से तिलक करें  फिर  फूलमाला चढ़।ये  ।  तदुपरांत  5 अगरबत्ती जलाये 1 आड़ी और 4 खड़ी; फिर 1 बार ॐ गणेशाये नमः तथा 21 बार अलखनिरंजन का जाप करें  और उसके बाद में 21 बार ननुआँ जी का जाप करें, फिर जय मार्गी गुरु, जय सद गुरु, जय ब्राह्म देव , जय गुरुदेव , जय ईष्ट देव/देवता , जय कुल देवी /देवता बोलें  और  स्वामी कार्तिकेय जी और गणेश जी को ननुआँ जी के साथ आमंत्रित करें । अब गणश वन्दना करें ।

इसके बाद पृथ्वी पूजन करें ,  नव ग्रहों  का पूजन करें, स्थानी शक्तियों का आवाहन करें, उनको आसन दे , भोग- भेंट  दें । एक घी का दीपक जलायें । ननुआँ जी के लिए एक तम्बाकू  का तथा एक सादा पान भेंट करें ।
हवन करते समय अपने गुरु, ईष्ट, कुल देवी/देवता , पृथ्वी माता, ब्रह्मा जी, विष्णुजी, शिवजी, गौरीजी, गणेशजी, हनुमानजी,  स्थानिय शक्तियों को आहुति दें और अपने ईष्ट के मंत्र से यथाशक्ति आहुति दें । इसके इलावा अन्य किसी शक्ति की आहुति देनी है तो उनकी भी आहुति दें ।

पूजन सामग्री -  हवन सामग्री, गारी का गोला, देशी घी, कपूर, आम या छेवले की लकड़ी, 1 पूजा का पान -  मीठा ,1 पान सादा, 1 पान तम्बाकू  का, मेवा, फूलमाला, अगरबत्तियाँ, गुलाब एवं खस का इत्र ।

भोग - मलायी  का लड्डू, बेसन का लड्डू , बूंदी का लड्डू , बर्फी , सोनपपड़ी, देशी घी में बना सूजी का हलुआ , रस्माली , काला एवं सफेद रसगुल्ला व नमकीन।

जितने लोग हवन करने के लिये तैयार हैं वे एक-एक अगरबत्ती  जलाकर 1 बार श्री गणेशाय नमः और 21 बार ननुआँ जी - ननुआँ जी  का जाप करें फिर आहुति दें । आहुतियाँ  देते समय क्रम से निम्नलिखित मंत्रो का उच्चारण करें उसके बाद अगर कोई और मंत्र की आहुति देनी है तो वह दें सकते हैं ।

1) ॐ नमः शिवाय वनखण्ड।य  नमः ननुआँ नमामि नमो नमः ।

2) ॐ जय बड़े - छोटे सरकार माताजी वनखण्ड।य  नमः
     ननुआँ नमामि नमो नमः ।

3)ॐ जय महाकाली माँ महाकालकालाये नमः वनखण्ड।य  नमः
    ननुआँ नमामि नमो नमः ।

4) ॐ  ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे नमः वनखण्ड।य  नमः 
     ननुआँ  नमामि नमो नमः ।

5) ॐ जय रामराजाय सीता माता हनुमतये  नमः वनखण्ड।य  नमः 
     ननुआँ नमामि नमो नमः ।

6) ॐ त्रियाम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम । 
     उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय माम्रतात वनखण्ड।य  नमः 
     ननुआँ  नमामि नमो नमः । ।  


7 ) ॐ जय टीले  वाली माँ वनखण्ड।य  नमः ननुआँ नमामि नमो नमः । 

हवन / पूजा कर ते समय 1 अगरबत्ती  आड़ी जरुर लगाये इससे एक सुरक्षा कवच बन जाता है और अवांछनीय शक्ति परेशान नहीं करती । हवन करने के इच्छुक  व्यक्ति हवन  सामग्री में चीनी, काले तिल, मेवा , घी, मिला कर उपरोक्त विधि से हवन  करें । हवन के बाद हवन कुण्ड  में भोग दें । उपस्थित शक्तियों को भी भोग और जल दें । 










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