भोग लगाने हेतु भजन
आओ भोग लगाओ मेरे ननुआँ , आओ भोग लगाओ ।
दुर्योधन की मेवा त्यागी , शाक विदुर घर खायो ।
आओ भोग लगाओ मेरे ननुआँ .........
शबरी के बेर , सुदामा के तंदुल रुचि - रूचि भोग लगाओ मेरे ननुआँ
ऐसा भोग लगाओ मेरे ननुआँ, सब अमृत हो जाये मेरे ननुआँ
सब शक्तिन को भोग तो दे दो . हाथ फैलाये खड़ी मेरे ननुआँ
पूरब - पश्चिम , उत्तर, दक्षिण , चारो दिशाओं से आओ मेरे ननुआँ
जो कोई तेरा भोग लगाये , वो ही तेरा होजाए मेरे ननुआँ
सबकी की आशा पूरी करदो , मेरी भी आस बुझाओ मेरे ननुआँ
भोग लगाकर बाहर आओ , सबको दरस दिखाओ मेरे ननुआँ
आओ भोग लगाओ मेरे ननुआँ ............
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