Thursday, 21 February 2013

जन्म कुण्डली के दोष व उनका निराकरण

1 )  काल सर्प योग 

  नाग - नागिन का चाँदी का जोड़ा बनवाये । तत्पशचात शंकर जी के मन्दिर में जा कर उस जोड़े को जल से स्नान कराएँ और उस पर चन्दन का टीका लगाकर सफ़ेद नए कपड़े पर असन दें । फिर शिव परिवार को दूध और पानी से स्नान कराएँ , तिलक करें , पुष्प अर्पित करें और भोग लगायें तथा नाग - नागिन के जोड़े को स्थापित करें । पीले पुष्प अर्पित करें और एक कोरे सफेद कागज बगल में रखें । 11 अगरबत्ती लगाकर प्रार्थना करें-" ननुआँ त्रियम्बकेश्वर आप आइये और हमें काल सर्प योग से मुक्ति दिलाइये और आप भी कृपा कीजिये ।  " पहले बिछाये हुए कागज पर एक दिये में कच्चा दूध रखें बर्फी का भोग दें और घी का दीपक जलायें । 

2) राहू का दोष या प्रकोप 

पाँच प्रकार की देशी घी की मिठाई का एक- एक पीस लेकर एक सफेद कपड़े में बाँध कर उसे पत्तल पर रख कर ननुआँ जी का आवाहन करके प्रार्थना करें कि -" ननुआँ जी आप आइए और यह कार्य करा दीजिये एवं राहू के पाप, श्राप, और प्रकोप से मुक्ति दिलाइये और आप भी कृपा कीजिये। "  उसके बाद उस भोग को जल में प्रवाहित करदें । 

3 ) केतु का प्रकोप या दोष 

  • पाँच प्रकार की देशी घी से बनी मिठाई का एक - एक पीस लेकर एक नीले या लाल कपड़े में बाँध कर उसे पत्तल पर रख कर ननुआँ जी का आवाहन कर प्रार्थना करें कि -" ननुआँ जी आप आइये और यहाँ कार्य करा दीजिये एवं केतु के पाप, श्राप और प्रकोप से मुक्ति दिल दीजिये और आप भी कृपा कीजिये । "
  • ननुआँ जी का आवाहन कर मछलियों  को आटे की गोलियाँ बना कर 11 दिन तक खिलायें और प्रार्थना करें कि " ननुआँ जी आप आइये और मीन मत की सेवा करा दी जिए और इनके पाप, श्राप और प्रकोपों से मुक्ति दिलाइये और आप भी कृपा कीजिये । "
  • ननुआँ जी का आवाहन कर चिड़ियों को दाना/चावल 11 दिन तक खिलायें और प्रार्थना करे कि " ननुआँ जी आप आइये ,पक्षियों की सेवा करिये और इनके पाप, श्राप और प्रकोप से मुक्ति दिलाये और आप भी कृपा करें । " 

4) चन्द्रदेव का प्रकोप / दोष 


ननुआँ जी का आवाहन कर निवेदन करें कि " ननुआँ जी आप आइये और चन्द्र देव की सेवा करा दीजिये एवं इनके पाप श्राप से मुक्ति दिलाइये और आप भी कृपा कीजिये । " तत्पश्चात एक चाँदी का चन्द्रमा शिवजी के मन्दिर  में अर्पित कर शिव जी और चाँदी के चन्द्रमा का तिलक करें । बर्फी का भोग दें तथा घी का दीपक जलायें। 

5 ) शनिदेव का प्रकोप/दोष 


शनिवार को हनुमानजी को चमेली के तेल का चोला चड़ाए । 
शनिदेव के मन्दिर में सरसों के तेल का दीपक जलायें जिसमे दो - तीन नई लोहे की कील, काले तिल व राई डाली हो और ननुआँ जी का अवह कर निवेदन करें कि " ननुआँ जी आप आइये और शनिदेव की सेवा करा दीजिये और इनके पाप , श्राप और प्रकोप से मुक्ति करिये और आप भी कृपा कीजिये। "

 इनके आलावा कोई और ग्रह कष्टकारी हो तो ननुआँ जी द्वारा दृष्टि प्रदान उनके शिष्यों से संपर्क कर सकते हैं । ननुआँ ने बड़े ही आसान उपाए एवं प्रचलित व्रत बताये है जो एक गरीब व्यक्ति भी कर सकता है । ननुआँ जी कभी कोई रत्न नहीं बताते हैं।  



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