Thursday, 14 February 2013

                                    ।।श्री गुरु वन्दना।।


मम वन्दन  सतगुरु चरण , परम मृदुल सुखमार ।
जीवों के उपकार को , धरा मनुज अवतार ।। 1 ।।

नमो नमो गुरुदेव जी ,नमो नमो दातार ।
श्री युगल चरणन में , करूँ नमन शत बार ।। 2 ।।

चरणन नाम लिवाय के , रहूँ नाम लिवलाय ।
ऐसी कृपा प्रभु कीजिये , पलकन दूर न पाय ।। 3 ।।

इक मन इक चित्त से करूँ , गुरु चरणन में नेह ।
जन्म सफल हुई जायेगा , सुफल होएगी देह ।। 4 ।।

चपरासी ननुआँ  गुरु , आनन्द कन्द सुखधाम ।
दास हृदय में बसो प्रभु , हर पल आठो  याम ।।5।।

जो आवे सतगुरु शरण , श्रद्धा भाव समेत ।
दाना माना आप गुरु, मन वांछित फल देत ।। 6 ।।

महिमा  सुन कर आगया , मैं भी तेरे द्वार ।
अनुकम्पा कर कट दो, बहो जात मझधार ।। 7 ।।

और कछु याचूँ  नहीं , पाऊँ विमल विवेक ।
 दासानुदास को दीजिये , सुन्दर सा सुत एक ।। 8 ।।

गुरु को सिर पर राखिये , चलिये आज्ञा पाई ।
कहे प्रकश ता दास को, तीन लोक उर माहि ।। 9 ।।





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