।।श्री गुरु वन्दना।।
मम वन्दन सतगुरु चरण , परम मृदुल सुखमार ।
जीवों के उपकार को , धरा मनुज अवतार ।। 1 ।।
नमो नमो गुरुदेव जी ,नमो नमो दातार ।
श्री युगल चरणन में , करूँ नमन शत बार ।। 2 ।।
चरणन नाम लिवाय के , रहूँ नाम लिवलाय ।
ऐसी कृपा प्रभु कीजिये , पलकन दूर न पाय ।। 3 ।।
इक मन इक चित्त से करूँ , गुरु चरणन में नेह ।
जन्म सफल हुई जायेगा , सुफल होएगी देह ।। 4 ।।
चपरासी ननुआँ गुरु , आनन्द कन्द सुखधाम ।
दास हृदय में बसो प्रभु , हर पल आठो याम ।।5।।
जो आवे सतगुरु शरण , श्रद्धा भाव समेत ।
दाना माना आप गुरु, मन वांछित फल देत ।। 6 ।।
महिमा सुन कर आगया , मैं भी तेरे द्वार ।
अनुकम्पा कर कट दो, बहो जात मझधार ।। 7 ।।
और कछु याचूँ नहीं , पाऊँ विमल विवेक ।
दासानुदास को दीजिये , सुन्दर सा सुत एक ।। 8 ।।
गुरु को सिर पर राखिये , चलिये आज्ञा पाई ।
कहे प्रकश ता दास को, तीन लोक उर माहि ।। 9 ।।
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